लखनऊ, 30 जनवरी 2025 – ऐतिहासिक बजट सत्र की शुरुआत
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 2025 आज से शुरू हो गया है। यह सत्र कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि यह बजट उत्तर प्रदेश के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार प्रदेश को ‘ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
वहीं, विपक्ष ने सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, और कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर घेरते हुए कई सवाल खड़े किए। विपक्ष ने कहा कि सरकार केवल कागजी दावों में व्यस्त है, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही है।
मुख्यमंत्री का संबोधन: विकास और निवेश पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र की शुरुआत करते हुए राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं और सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,
“हमारा उद्देश्य उत्तर प्रदेश को देश की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनाना है। इस बजट में बुनियादी ढांचे, कृषि सुधार, रोजगार, और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।”
सरकार ने यह संकेत भी दिया कि इस बजट में निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेष निवेश किया जाएगा:
- शिक्षा सुधार – नए विश्वविद्यालय और सरकारी स्कूलों में डिजिटल सुविधाओं का विस्तार।
- स्वास्थ्य सेवाएं – सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाइयों की व्यवस्था।
- कृषि क्षेत्र – किसानों को नई सब्सिडी और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अतिरिक्त राहत।
- डिजिटल इंडिया अभियान – उत्तर प्रदेश को टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में प्रयास।
- नवाचार और स्टार्टअप्स – युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए उद्योगों की स्थापना।
सरकार के दावों के अनुसार, यह बजट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नए युग में प्रवेश करवाने का माध्यम बनेगा।
विपक्ष का हमला: महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार को घेरा
बजट सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने राज्य में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का बयान:
“सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल दिखा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि महंगाई आसमान छू रही है। रोजमर्रा की चीजें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं। युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं और सरकार सिर्फ कागजी योजनाएं बना रही है।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान:
“अगर सरकार वास्तव में विकास कर रही होती, तो बेरोजगारी दर इतनी ज्यादा क्यों होती? किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, और सरकार सिर्फ झूठे वादे कर रही है। यह बजट जनता के लिए नहीं, बल्कि सरकार की छवि सुधारने के लिए है।”
विपक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार के दावे हकीकत से दूर हैं और जनता को राहत देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
कृषि और ग्रामीण विकास: किसानों के लिए क्या खास?
कृषि और ग्रामीण विकास इस बजट के मुख्य केंद्र होंगे। सरकार की ओर से यह संकेत दिया गया है कि:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त राहत दी जाएगी।
- ग्रामीण इलाकों में सड़कों और सिंचाई की नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
- खाद और बीज सब्सिडी में वृद्धि की जाएगी।
- नए कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे, ताकि किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ा है और किसान अब नई तकनीक का अधिक उपयोग कर रहे हैं।
नौकरी और युवाओं के लिए नए अवसर
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस बजट में युवाओं के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएंगी। इसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल होंगे:
- स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
- नई फैक्ट्रियों और इंडस्ट्रियल हब को बढ़ावा देने के लिए बजट का बड़ा हिस्सा आवंटित होगा।
- सरकारी नौकरियों में भर्तियों की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
- तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ाने के लिए IT सेक्टर में नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि सरकार हर साल नई योजनाओं की घोषणा करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन बेहद कमजोर है।
बजट सत्र में हंगामे की संभावना
बजट सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा कई मुद्दों पर हंगामा किए जाने की संभावना है। विपक्ष ने संकेत दे दिया है कि महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
इस सत्र के दौरान यूपी सरकार का बजट पेश किया जाएगा, जिसे मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ऐतिहासिक बताते हुए जनता के हित में बताया है। विपक्ष की ओर से इस बजट की हर बिंदु पर जांच की जाएगी और सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
निष्कर्ष: किसका पलड़ा भारी?
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। सरकार जहां इसे ‘विकास बजट’ बता रही है, वहीं विपक्ष इसे महंगाई और बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने वाला करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरती है और विपक्ष अपने सवालों से कितनी मजबूती से सरकार को घेर पाता है।
क्या यह बजट जनता के हित में होगा या सिर्फ एक चुनावी दस्तावेज़? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।
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- यूपी सरकार की आधिकारिक बजट वेबसाइट: उत्तर प्रदेश सरकार
- वित्त मंत्रालय की बजट रिपोर्ट: भारत सरकार बजट
- रिपोर्ट्स और समाचार स्रोत: PIB India या Economic Times