हरदोई बिलग्राम क्षेत्र में पशुपालकों के बीच भारी आक्रोश फैल गया है, जब ज्ञानधारा पशु आहार के सेवन से कई मवेशियों की मौत हो गई। यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय किसान और पशुपालक सड़कों पर उतर आए और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
पशु आहार बना जानलेवा
कई किसानों ने बताया कि उन्होंने ज्ञानधारा कंपनी का पशु आहार खरीदकर अपने मवेशियों को खिलाया, लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी गायों और भैंसों की तबीयत खराब होने लगी। पशुओं को उल्टी, दस्त और कमजोरी जैसी गंभीर समस्याएं होने लगीं। कई पशुओं की स्थिति इतनी खराब हो गई कि वे दम तोड़ने लगे।
पशु चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद इसे विषाक्त आहार का प्रभाव बताया। विशेषज्ञों के अनुसार, पशु आहार में मिलावट होने की संभावना है, जिससे मवेशियों की सेहत पर बुरा असर पड़ा।
किसानों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद सैकड़ों किसान स्थानीय प्रशासन कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे। उनका आरोप है कि ज्ञानधारा कंपनी ने घटिया गुणवत्ता का पशु आहार बेचा, जिससे उनके मवेशियों की जान चली गई और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि कंपनी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “हमने अपनी मेहनत की कमाई से यह पशु आहार खरीदा, लेकिन इसने हमारे पशुओं की जान ले ली। अब हम प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।”
प्रशासन और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने प्रभावित किसानों से मुलाकात की और पशु आहार के सैंपल इकट्ठा किए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने आहार के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यदि पशु आहार में कोई हानिकारक तत्व पाया जाता है, तो संबंधित कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
इसके साथ ही, पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई है ताकि वे और अधिक गहन जांच कर सकें और मवेशियों के इलाज की व्यवस्था कर सकें।
कंपनी का बचाव
ज्ञानधारा पशु आहार कंपनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम अपने उत्पाद की जांच के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यदि किसी भी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है, तो हम किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए भी तैयार हैं।”
हालांकि, किसानों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
किसानों की मांग और आगे की कार्रवाई
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई नहीं करता, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।
अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। यदि पशु आहार में किसी भी प्रकार की मिलावट पाई जाती है, तो यह कंपनी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है और पशुपालकों के लिए न्याय की राह खोल सकता है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी
किसानों की मुख्य मांगें हैं:
- ज्ञानधारा कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई – दोषी कंपनी पर मुकदमा दर्ज किया जाए और उनके उत्पादों की गुणवत्ता की सख्त जांच की जाए।
- नुकसान की भरपाई – जिन किसानों के मवेशी मरे हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
- निष्पक्ष जांच – इस मामले की स्वतंत्र जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
- सख्त नियमों का पालन – पशु आहार कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि वे मिलावटी या विषाक्त उत्पाद न बेच सकें।
किसानों ने सरकार से भी अपील की है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
भविष्य की संभावनाएं
अब सबकी निगाहें प्रशासन द्वारा लिए जाने वाले फैसलों और जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। यदि पशु आहार में किसी भी प्रकार की मिलावट पाई जाती है, तो यह कंपनी के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है।
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) (https://www.nddb.coop)
- ICAR (Indian Council of Agricultural Research) (https://icar.org.in)